Thursday 29 February 2024

एक चिड़िया नन्हीसी चिड़िया

 
#चिड़िया 

एक चिड़िया नन्हीसी चिड़िया

 एक चिड़िया नन्हीसी चिड़िया

 फुदक फुदकके चलती थी चिड़िया

खुदका घोंसला ढूंढनेको वो,

ची ची करती उड़ती थी चिड़िया 

 

 हर घर पर्दा (झाली) देख कर वो

 दिन भर दर दर भटकती थी चिड़िया 

 कही से दाना मिल जाए

 ये आश लगाए बैठी थी चिड़िया


हिम्मत हारे टूटे दिलसे 

 एक किनारे बैठी थी चिड़िया 

 पारधी कि इस जालमें

 अनजाने से बंध गई वो चिड़िया 

 

 पंख चिड़िया की बांध के 

 भर बाजार छोड़ीहे चिड़िया 

 कैसे अब में उडूंगी 

 इसी दर्दमें जुरेगी चिड़िया 


 बंधे पंख वो आसमानमें उड़नेको रोतीथी चिड़िया


#धुलो


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